100 Rupees Note Update – भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने हाल ही में 100 रुपये के नोट को लेकर कुछ महत्वपूर्ण अपडेट जारी किए हैं। 100 रुपये का नोट भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले नोटों में से एक है। आम जनता से लेकर व्यापारी वर्ग तक, हर किसी की जेब में यह नोट आसानी से मिल जाता है। लेकिन हाल के दिनों में नकली नोटों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आरबीआई ने नई गाइडलाइन जारी की है। अब सवाल यह उठता है कि असली और नकली 100 रुपये के नोट की पहचान कैसे करें और इस गाइडलाइन का हम पर क्या असर पड़ेगा। चलिए जानते हैं विस्तार से
आरबीआई की चिंता और नई गाइडलाइन
हाल ही में सोशल मीडिया पर 100 रुपये के नकली नोटों से जुड़े कई मामले सामने आए हैं। देशभर से ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि बाजार में नकली नोटों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे नोटों की जांच के लिए विशेष मशीनों का उपयोग करें। बैंक कर्मचारी इन मशीनों से नकली नोटों की पहचान करके उन्हें चलन से बाहर कर सकते हैं। इसके अलावा, आम जनता को भी जागरूक करने के लिए आरबीआई समय-समय पर जागरूकता अभियान चला रहा है
असली और नकली 100 रुपये के नोट की पहचान कैसे करें
अगर आप नकली नोटों के झांसे में नहीं आना चाहते तो आपको कुछ जरूरी सुरक्षा विशेषताओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आरबीआई के अनुसार, असली 100 रुपये के नोट की पहचान करने के लिए निम्नलिखित विशेषताओं को जरूर परखें
वाटरमार्क
100 रुपये के असली नोट में महात्मा गांधी की हल्की छाया यानी वाटरमार्क होता है। इसके साथ ही, इसमें मल्टी-डायरेक्शनल लकीरें भी होती हैं, जो प्रकाश में देखने पर साफ दिखाई देती हैं। यदि आपके नोट में यह वाटरमार्क साफ नहीं दिख रहा या अलग तरह का है तो वह नोट नकली हो सकता है
सुरक्षा धागा
100 रुपये के असली नोट में एम्बेडेड विंडोज सुरक्षा धागा होता है। इस धागे पर ‘भारत’, ‘100’ और ‘RBI’ लिखा होता है। जब आप इस नोट को रोशनी में देखते हैं, तो यह धागा एक सीधी लकीर की तरह दिखता है। अगर यह धागा टूटे हुए या अलग-अलग हिस्सों में नजर आ रहा है, तो वह नोट संदिग्ध हो सकता है
लेटेंट इमेज
100 रुपये के नोट में महात्मा गांधी की तस्वीर के दाहिने ओर एक वर्टिकल बैंड होता है। इस बैंड में 100 का अंक लेटेंट इमेज के रूप में छपा होता है, जो तभी दिखाई देता है जब नोट को आंखों के स्तर पर झुकाकर देखा जाए। नकली नोटों में इस इमेज को हूबहू कॉपी करना बहुत मुश्किल होता है
सूक्ष्म अक्षर
100 रुपये के असली नोट में महात्मा गांधी की तस्वीर और वर्टिकल बैंड के बीच छोटे-छोटे अक्षरों में ‘RBI’ और ‘100’ लिखा होता है। ये अक्षर इतने बारीक होते हैं कि बिना लेंस के इन्हें देखना मुश्किल होता है। नकली नोटों में अक्सर ये अक्षर धुंधले या अस्पष्ट दिखाई देते हैं
इंटैग्लियो प्रिंटिंग
100 रुपये के असली नोट में महात्मा गांधी की तस्वीर, आरबीआई की मुहर, अशोक स्तंभ और गवर्नर के हस्ताक्षर उभरे हुए होते हैं। इन्हें छूकर महसूस किया जा सकता है। नकली नोटों में ये उभार या तो होते ही नहीं या फिर बहुत हल्के होते हैं
पहचान चिह्न
100 रुपये के नोट पर वाटरमार्क विंडो के बाईं ओर एक त्रिकोण आकार का पहचान चिह्न होता है। यह चिह्न खासतौर पर दृष्टिबाधित लोगों की मदद के लिए बनाया गया है। अगर यह चिह्न गायब है या इसका आकार अलग है तो नोट की प्रामाणिकता पर संदेह किया जा सकता है
फ्लोरोसेंट विशेषताएं
100 रुपये के नोट में नंबर पैनल फ्लोरोसेंट स्याही में मुद्रित होते हैं। इसके अलावा, नोट में ऑप्टिकल फाइबर का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह विशेषताएं सामान्य रोशनी में दिखाई नहीं देतीं लेकिन अल्ट्रावायलेट यानी यूवी लाइट में देखने पर चमकती हैं। नकली नोटों में यह सुरक्षा फीचर बहुत मुश्किल से डाला जाता है
नकली नोटों से बचने के उपाय
अगर आप नकली नोटों से बचना चाहते हैं तो कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी होंगी। जब भी आपको 100 रुपये का नोट मिले, तो उसकी सुरक्षा विशेषताओं को ध्यान से जांचें। खासतौर पर वाटरमार्क, सुरक्षा धागा और उभरी हुई प्रिंटिंग को जरूर परखें। अगर कोई नोट संदिग्ध लगे तो उसे तुरंत बैंक में जाकर चेक करवाएं। नकली नोट का लेन-देन करना गैरकानूनी होता है और इससे बचना बेहद जरूरी है
आरबीआई का अनुरोध
भारतीय रिजर्व बैंक ने आम जनता से अपील की है कि वे नकली नोटों से सावधान रहें और उनकी पहचान करने के सही तरीके सीखें। आरबीआई के मुताबिक, अगर किसी को नकली नोट मिलता है, तो वह तुरंत इसकी सूचना नजदीकी बैंक या पुलिस स्टेशन में दें। ऐसा करने से नकली नोटों के प्रसार को रोका जा सकता है
व्यापारियों और दुकानदारों के लिए खास सावधानी
छोटे दुकानदार और व्यापारी नकली नोटों के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। इसलिए उन्हें अपने लेन-देन के दौरान अधिक सतर्क रहना चाहिए। बाजार में कई तरह की नोट जांचने वाली मशीनें उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग करके वे नकली नोटों की पहचान कर सकते हैं। साथ ही, अपने कर्मचारियों को भी नोटों की सुरक्षा विशेषताओं के बारे में प्रशिक्षित करना जरूरी है
डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दें
नकली नोटों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है डिजिटल लेन-देन का उपयोग करना। यूपीआई, मोबाइल वॉलेट, डेबिट और क्रेडिट कार्ड जैसे विकल्पों का इस्तेमाल करके नकली नोटों के खतरे को कम किया जा सकता है। हालांकि, भारत में अभी भी बहुत से लोग नकदी का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए असली और नकली नोट की पहचान करना जरूरी हो जाता है
100 रुपये का नोट भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नकली नोटों की समस्या से निपटने के लिए आरबीआई लगातार नए सुरक्षा उपाय अपना रहा है। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वे नोट की सुरक्षा विशेषताओं को ध्यान से जांचें और नकली नोटों से बचने के लिए सतर्क रहें। वाटरमार्क, सुरक्षा धागा, लेटेंट इमेज, सूक्ष्म अक्षर, इंटैग्लियो प्रिंटिंग, पहचान चिह्न और फ्लोरोसेंट विशेषताओं की जांच करके हम नकली और असली नोट में आसानी से अंतर कर सकते हैं। हमें अपने परिवार और दोस्तों को भी इस बारे में जागरूक करना चाहिए ताकि हम सभी मिलकर नकली नोटों के खतरे को कम कर सकें।