EPFO Update – कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने हाई पेंशन पाने की उम्मीद लगाए बैठे लाखों कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। हाई पेंशन के लिए आवेदन करने वाले कुल 17.49 लाख आवेदकों में से 7.35 लाख एप्लिकेशन को खारिज कर दिया गया है। यानी ये लोग अब हाई पेंशन पाने के योग्य नहीं होंगे। इस खबर ने उन लाखों कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है जो अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर हाई पेंशन की उम्मीद कर रहे थे।
ईपीएफओ के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि हाई पेंशन का मामला जितना आसान लग रहा था, उतना है नहीं। पेंशन बॉडी ने कई आवेदनों को अधूरी जानकारी के चलते रिजेक्ट कर दिया है तो कुछ को अतिरिक्त योगदान के लिए डिमांड नोटिस जारी किया गया है। वहीं, कुछ आवेदन ऐसे भी हैं जो अभी भी जांच के दायरे में हैं।
कितने लोगों को अब तक मिला हाई पेंशन का लाभ
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आए दो साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक केवल 24,006 कर्मचारियों को ही हाई पेंशन का लाभ मिल पाया है। वहीं, 2.14 लाख आवेदन अब भी जांच के दायरे में हैं और 2.24 लाख आवेदन अभी तक एम्प्लॉयर द्वारा ईपीएफओ को फॉरवर्ड नहीं किए गए हैं। इसके अलावा 3.92 लाख एप्लिकेशन अधूरी जानकारी के कारण एम्प्लॉयर के पास वापस भेज दिए गए हैं।
ईपीएफओ ने जिन 7.35 लाख आवेदन को रिजेक्ट किया है, उनके पीछे क्या कारण हैं, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि, ऐसा माना जा रहा है कि कई मामलों में एम्प्लॉयर द्वारा पूरा योगदान नहीं किया गया था, जबकि कुछ मामलों में कर्मचारियों ने सही डॉक्यूमेंट नहीं दिए थे।
ईपीएफओ को क्यों हो रही चिंता
ईपीएफओ को डर है कि हाई पेंशन देने के लिए उसे 1,86,920 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। अगर हाई पेंशन के लिए कुल आवेदकों में से सिर्फ 50% को ही भुगतान करना पड़े, तब भी ईपीएफओ के ऊपर भारी वित्तीय दबाव पड़ सकता है। इसी वजह से पेंशन बॉडी ने अब तक सभी आवेदनों पर अंतिम फैसला नहीं लिया है।
बीते दिनों ईपीएफओ ने केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) को एक नोट भेजा था, जिसमें मौजूदा स्थिति का अक्यूरियल एनालिसिस (बीमांकिक मूल्यांकन) पेश किया गया था। हालांकि, कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने इस विश्लेषण को अधूरा बताया और विस्तृत अध्ययन की मांग की।
आगे क्या होगा
सीबीटी को भेजे गए नोट में ईपीएफओ ने कहा है कि जब तक हाई पेंशन के सभी आवेदन पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना मुश्किल होगा। वहीं, यह भी कहा गया कि हर 50,000 जारी किए गए डिमांड नोटिस के बाद अंतरिम बीमांकिक मूल्यांकन किया जाएगा।
ईपीएफओ ने बताया कि हाई पेंशन के लिए करीब 38,000 आवेदनों के सैंपल डेटा का एनालिसिस किया गया, जिससे पता चला कि इन मामलों में कुल 9,500 करोड़ रुपये की कमी है। यह आंकड़ा प्रति व्यक्ति करीब 25 लाख रुपये बैठता है। ऐसे में अगर ज्वाइंट ऑप्शन (2014 के बाद के मामलों) के 50% मामलों का भी सेटलमेंट किया जाता है, तो ईपीएफओ को लगभग 1,86,920 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा।
क्या हाई पेंशन पाने का सपना टूट जाएगा
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या लाखों कर्मचारियों का हाई पेंशन पाने का सपना पूरा हो पाएगा या नहीं। फिलहाल ईपीएफओ की ओर से किसी भी आवेदन को मंजूरी देने में काफी सख्ती बरती जा रही है। ऐसे में जिन लोगों ने हाई पेंशन के लिए आवेदन किया है, उन्हें अपने एम्प्लॉयर से यह सुनिश्चित कराना होगा कि उन्होंने पूरा योगदान किया है और सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स सही ढंग से जमा किए गए हैं।
हालांकि, अगर ईपीएफओ को फंड में भारी कमी का अनुमान सही साबित होता है, तो हो सकता है कि हाई पेंशन स्कीम को लेकर और भी कड़े नियम बनाए जाएं। ऐसे में उन कर्मचारियों को और मुश्किल हो सकती है, जो इस स्कीम के जरिए अपनी रिटायरमेंट को सुरक्षित करना चाहते थे।
क्या करें आवेदन करने वाले
अगर आपने भी हाई पेंशन के लिए आवेदन किया है और आपका आवेदन अभी तक पेंडिंग है, तो आपको अपने एम्प्लॉयर से संपर्क करना चाहिए। अगर आपका आवेदन अधूरी जानकारी के कारण रिजेक्ट किया गया है, तो जरूरी दस्तावेज जमा करके दोबारा आवेदन करने का विकल्प तलाश सकते हैं। वहीं, अगर ईपीएफओ ने अतिरिक्त योगदान के लिए डिमांड नोटिस जारी किया है, तो यह तय करें कि क्या आप अतिरिक्त पैसे जमा करने के लिए तैयार हैं या नहीं।
ईपीएफओ के इस फैसले से लाखों कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। जिन लोगों ने हाई पेंशन पाने की उम्मीद लगाई थी, उनके लिए यह खबर निराशाजनक हो सकती है। हालांकि, अभी भी कुछ आवेदन जांच के दायरे में हैं और सीबीटी ने ईपीएफओ से विस्तृत अध्ययन की मांग की है। ऐसे में आगे चलकर इस मामले में कुछ और बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
फिलहाल, हाई पेंशन की राह इतनी आसान नहीं दिख रही है और ईपीएफओ के सख्त रुख को देखते हुए आने वाले समय में और भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।